पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फरीदकोट के सादिक रोड पर चल रहे एक अवैध नशा मुक्ति केंद्र को सील कर दिया। शिकायत के आधार पर हुई इस कार्रवाई में 21 मरीजों को छुड़ाया गया और उन्हें सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवाया गया।
सिविल सर्जन डॉ. चंद्रशेखर कक्कड़ ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि सादिक रोड स्थित एक कोठी में अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहा था, जहां मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था और गलत तरीके से नशा छुड़ाने का प्रयास किया जाता था।
इस शिकायत पर कार्रवाई के लिए एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन से संपर्क किया गया और दोनों विभागों की संयुक्त टीम ने गुरुवार देर रात करीब 12:30 बजे छापेमारी की। छापे के दौरान 21 मरीज वहां मौजूद मिले, जिन्हें गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया।
जांच में पाया गया कि नशा मुक्ति केंद्र में कोई प्रशिक्षित स्टाफ नहीं था और यहां मिलने वाली दवाइयां भी नशा छुड़ाने के लिए उपयुक्त नहीं थीं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यह नशा मुक्ति केंद्र करीब ढाई साल से संचालित हो रहा था। पहले भी इस केंद्र के खिलाफ शिकायतें मिली थीं, लेकिन जांच में ठोस सबूत न मिलने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
यह नशा मुक्ति केंद्र ‘जरिया फाउंडेशन’ नामक संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा था। इसके पीछे मनप्रीत सेखों, जगरूप बराड़ और वरिंदर संधु का नाम सामने आया है। जानकारी के अनुसार, इस केंद्र का एक संचालक पहले खुद नशे का शिकार रह चुका था और नशा छोड़ने के बाद उसने यह केंद्र शुरू किया था।
एसपी जसमीत सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की शिकायत पर केंद्र को सील कर दिया गया है और विभाग की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अभी तक किसी भी संचालक की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अवैध केंद्र एक कोठी में चल रहा था, जिसकी बाहरी दीवारों पर कोई बोर्ड नहीं लगाया गया था ताकि लोगों को इसकी जानकारी न हो। कोठी की दीवारों पर फेंसिंग तारें लगाई गई थीं, जिससे यहां भर्ती किए गए मरीज भाग न सकें।
स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अब इस मामले में गहन जांच कर रही हैं। अगर इस नेटवर्क में और लोग शामिल हैं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
फरीदकोट में अवैध नशा मुक्ति केंद्र का भंडाफोड़, 21 मरीजों को छुड़ाए गया –
Illegal drug de-addiction centre busted in faridkot, 21 patients rescued