कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार को लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसमें अमेरिका द्वारा भारतीय छात्रों के वीजा रद्द करने के मामले पर चर्चा की मांग की गई। तिवारी ने इसे तत्काल सार्वजनिक महत्व का विषय बताते हुए शून्यकाल, प्रश्नकाल और अन्य निर्धारित कार्यों को स्थगित करने का आग्रह किया।
तिवारी ने अपने नोटिस में कहा कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों के वीजा रद्द किए जा रहे हैं, जिससे उनके शैक्षिक और आर्थिक भविष्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस स्थिति से छात्रों के परिवार भी प्रभावित हो रहे हैं, जिन्होंने उनकी शिक्षा में भारी निवेश किया है, कई मामलों में शैक्षिक ऋण लेकर।
तिवारी ने अपने प्रस्ताव में कहा, अचानक किए गए वीजा रद्दीकरण से छात्रों को निर्वासन की धमकियां भी मिल रही हैं, जिससे विदेशों में भारतीय छात्रों के साथ व्यवहार पर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं। इसके अलावा, पारदर्शी शिकायत निवारण तंत्र की अनुपस्थिति ने छात्रों और उनके परिवारों में अनिश्चितता और चिंता को और बढ़ा दिया है।
कांग्रेस सांसद ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह अमेरिकी अधिकारियों के साथ तत्काल राजनयिक बातचीत करे, ताकि छात्रों के हितों की रक्षा की जा सके। उन्होंने इस मुद्दे को संसद में तत्काल चर्चा के लिए उठाने की भी मांग की।
आज संसद की कार्यवाही में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश करेंगे, जिसका उद्देश्य वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करना है। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने और भ्रष्टाचार व अतिक्रमण जैसी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रस्तावित है।
मनीष तिवारी ने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारतीय छात्रों के वीज़ा रद्द करने के खिलाफ लोकसभा में याचिका दायर की –
Manish tewari filed a petition in lok sabha against cancellation of visa for indian students by US authorities