हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। पूरे वर्ष में कुल 24 एकादशी आती हैं, यानी हर महीने दो बार यह व्रत मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत रखने से न केवल घर-परिवार को लाभ मिलता है, बल्कि पितरों को भी शांति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है और इसे रखने से मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।
कामदा एकादशी –
– तिथि प्रारंभ: 7 अप्रैल 2025, रात 08:00 बजे
– तिथि समाप्त: 8 अप्रैल 2025, रात 09:12 बजे
– पूजा मुहूर्त: सुबह 9:13 बजे से दोपहर 1:58 बजे तक
– व्रत पारण समय: 9 अप्रैल 2025, सुबह 6:02 बजे से 8:34 बजे तक
वरुथिनी एकादशी –
– तिथि प्रारंभ: 23 अप्रैल 2025, शाम 4:43 बजे
– तिथि समाप्त: 24 अप्रैल 2025, दोपहर 2:32 बजे
– पूजा मुहूर्त: सुबह 5:47 बजे से 7:25 बजे तक
– व्रत पारण समय: 25 अप्रैल 2025, सुबह 5:46 बजे से 8:23 बजे तक
एकादशी व्रत के लाभ
– एकादशी व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
– भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
– अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।
– मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा?
1. एकादशी के दिन प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
2. भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएं।
3. तुलसी पत्र, फल, पंचामृत और प्रसाद अर्पित करें।
4. विष्णु सहस्रनाम या ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
5. एकादशी कथा का श्रवण करें और रात्रि में जागरण करें।
6. अगले दिन प्रातः पारण के समय अन्न-जल ग्रहण करें।
जानिए अप्रैल में पड़ने वाली कामदा और वरुथिनी एकादशी की तिथि और मुहूर्त के बारे में –
Know about the date and auspicious time of kamada and varuthini ekadashi falling in april